यूरोप में राष्ट्रवाद
1. राष्ट्रवाद क्या है ?
उत्तर : किसी एक समुदाय द्वारा अन्य समुदायों के संदर्भ में अपनी एकता, पृथकता अथवा विशिष्टता तथा स्वतंत्रता पर बल देना । राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनैतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहनेवाले लोगों में एकता का वाहक बनती है।
2. फ्रांसीसी राष्ट्रवाद पर लघु निबंध लिखें ।
उत्तर : यूरोप में राष्ट्रवाद का श्रीगणेश फ्रांस से ही माना जाता है । सर्वप्रथम फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने ही तत्कालीन निरंकुश और तानाशाही बुर्बो राजवंश के खिलाफ फ्रांस के लोगों के बीच आपसी एकता को बढ़ावा दिया। पितृ-भूमि और नागरिक जैसे शब्दों का प्रयोग कर राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया। राजशाही का अंत कर नए संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार देकर समानता की स्थापना पर बल दिया। राजशाही ध्वज का स्थान तिरंगा रूपी राष्ट्रध्वज ने ले लिया। स्टेट्स जेनरल की जगह नेशनल एसेंबली का गठन हुआ और क्षेत्रीय भाषा की जगह फ्रेंच भाषा को प्रोत्साहित किया गया ।
3. फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर : फ्रांसीसी क्रांति (1789 ) के मुख्य कारण राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक थे। लुई सोलहवाँ निरंकुश और अयोग्य था, समाज वर्ग-विभेद पर आधृत था तथा अर्थव्यवस्था दयनीय थी। इन परिस्थितियों को उजागर कर दार्शनिकों ने क्रांति को अवश्यंभावी बना दिया ।
4. वियना की संधि की मुख्य शर्तें लिखें ।
उत्तर : इसके प्रमुख शर्तों में निम्नलिखित प्रमुख थे-
(क) फ्रांस द्वारा विजित प्रदेशों को वापस कर दिया गया ।
(ख) प्रशा को अनेक नए और महत्त्वपूर्ण क्षेत्र मिले ।
(ग) फ्रांस और स्पेन में बुर्बी राजवंश का राज्य स्थापित किया गया ।
(घ) जर्मन महासंध को बनाए रखा गया ।
5. 1830 और 1848 की क्रांतियों की सामान्य विशेषताएँ क्या थीं ?
उत्तर : (i) सभी क्रांतिकारी प्रतिक्रियावादी और निरंकुश शासन की समाप्ति चाहते थे ।
(ii) वे उदारवाद और राष्ट्रवाद के समर्थक थे ।
(iii) वे वैधानिक शासन की माँग कर रहे थे ।
(iv) इटली और जर्मनी में क्रांतिकारी एकीकृत राष्ट्र का निर्माण करना चाहते थे ।
(v) अन्य स्थानों में निरंकुशवाद से स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा मुख्य मुद्दा बन गया
6. इटली के एकीकरण में काबूर की भूमिका का उल्लेख करें ।
उत्तर : काबूर को इटली के एकीकरण का ‘राजनीतिज्ञ’ कहा जाता है। 1850 में वह विक्टर इमैनुएल का मंत्री एवं 1852 में प्रधानमंत्री बना। उसने सैनिक और आर्थिक सुधारों द्वारा सार्डिनिया की स्थिति सुदृढ़ की । पेरिस शांति सम्मेलन में उसने इटली के एकीकरण का प्रश्न उठाया। 1859 में ऑस्ट्रिया को पराजित कर कावूर ने लोम्बार्डी पर अधिकार कर लिया ।
7. मेजिनी के विचारों का उल्लेख करें ।
उत्तर : मेजिनी के विचारों का समर्थक और कावर के संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर था। वह सशस्त्र क्रांति के द्वारा दक्षिणी इटली के रियासतों के एकीकरण तथा गणतंत्र की स्थापना करने का प्रयास कर रहा था। गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक था। उसने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी जो ‘लाल कुर्ती’ कहलाए। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किया ।
8. नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद का प्रसार कैसे किया ?
उत्तर : नेपोलियन ने विजित राज्यों में राष्ट्रवादी भावना जागृत कर दी। फ्रांसीसी आधिपत्यवाले राज्यों में नेपोलियन संहिता, फ्रांसीसी शासन और अर्थव्यवस्था लागू की गई। उसके कार्यों से इटली एवं जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। साथ ही, उसके युद्धों और विजयों से अनेक राष्ट्रों में फ्रांसीसी आधिपत्य के विरुद्ध आक्रोश पनपा जिसने राष्ट्रवाद का विकास किया।
9. जर्मनी के एकीकरणमें बिस्मार्क की भूमिका का संक्षिप्त विवरणदें ।
उत्तर : जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की प्रमुख भूमिका, 1862 में प्रशा के राजा विलियम प्रथम का चांसलर नियुक्त बिस्मार्क ने एकीकरण के लिए ‘रक्त और तलवार’ की नीति अपनाई। तीन युद्धों (1864 मेंडेनमार्क से, 1866 में आस्ट्रिया से तथा 1870 में फ्रांस से) द्वारा प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण जनवरी, 1871 में विलियम प्रथम जर्मन सम्राट बना ।
10. इटली के एकीकरण में मेजिनी का क्या योगदान था ? [2011 (A), 2015 (A) (S.S.)]
उत्तर : मेजिनी एक उदारवादी – राष्ट्रवादी क्रांतिकारी था। वह इटली को निरंकुश शासकों से मुक्त कराना चाहता था और उसे एक एकीकृत गणतंत्र के रूप में देखना चाहता था। वह योग्य सेनापति के साथ-साथ गणतांत्रिक विचारों का समर्थक भी था। अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने ‘यंग इटली” नामक संस्था की स्थापना की। उग्र राष्ट्रवादी विचारों के कारण मेजिनी को निर्वासित होकर इंग्लैण्ड जाना पड़ा और वहीं से अपने लेखों एवं रचनाओं के जरिए इटली के एकीकरण के आंदोलन को प्रेरित करता रहा ।
11. गैरीवाल्डी के कार्यों की चर्चा करें । [2014 (A) (F.S.), 2016 (A) (F.S.)]
उत्तर : इटली के एकीकरण में उसने जिस महान त्याग, निःस्वार्थ भावना और अभूतपूर्व देशभक्ति का परिचय दिया। वह एक महान लड़ाकू था और तलवार के बल पर इटली का एकीकरण करना चाहता था । वह सशस्त्र क्रांति के द्वारा दक्षिणी इटली के रियतों के एकीकरण तथा गणतंत्र की स्थापना करने का प्रयास कर रहा था। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किया। गैरीबाल्डी ने यहाँ जनता के समर्थन से गणतंत्र की स्थापना की और विक्टर एमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता संभाली ।
12. मेजिनी कौन था ? [2019 (A) (F.S.) ]
उत्तर : मेजिनी को इटली के एकीकरण का पैगम्बर कहा जाता है। वह दार्शनिक, लेखक, राजनेता, गणतंत्र का समर्थक और कर्मठ कार्यकर्ता था। वह कार्बोनारी का सदस्य था । उसने अपने गणतंत्रवादी उद्देश्यों के प्रचार के लिए ‘यंग इटली’ तथा ‘यंग यूरोप’ की स्थापना की थी ।
- इटली तथा जर्मनी के एकीकरणमें ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी ? [2013 (A), 2020 (A) (F.S.), 2021 (A) (F.S.)]
उत्तर : इटली और जर्मनी के एकीकरण के मार्ग में आस्ट्रिया सबसे बड़ा बाधक था तथा इसे हटाये बिना ज़र्मनी का एकीकरण संभव नहीं था। अतः आस्ट्रिया से मुक्ति पाने के लिए उसे युद्ध में हराना जरूरी था। इसके लिए आवश्यक था कि जर्मनी सैनिक दृष्टि से मजबूत बने । विलियन प्रथम ने इसके लिए प्रशा की सैनिक शक्ति बढ़ाने की योजना बनाई। उदारवादियों के विरोध के बाद भी विलियम प्रथम ने सैन्य बजट बढाया। विलियम प्रथम की इस नीति के कारण जर्मनी के चांसलर बिस्मार्क ने “रक्त और लौह ” की नीति का अवलम्बन किया जिससे जर्मनी का एकीकरण संभव हुआ ।
14. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थीं ?
उत्तर- जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित प्रमुख बाधाएँ थीं— (i) लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य, (ii) इन राज्यों में व्याप्त राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक विषमताएँ, (iii) राष्ट्रवाद की भावना का अभाव, (iv) आस्ट्रिया का हस्तक्षेप, तथा (v) मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति ।
15. यूरोप में राष्ट्रवाद के फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ ?
अथवा, यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन बोनापार्ट की क्या भूमिका थी ?
उत्तर – यूरोप में राष्ट्रवाद फैलाने में नेपोलियन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उसने इटली और जर्मनी के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक तथा राजनैतिक रूप-रेखा प्रदान की जिससे इनके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ । नेपोलियन के प्रभुता तथा उत्कर्ष से अन्य राज्य अपनी-अपनी रक्षा का पूर्ण प्रबंध करने लगे इससे उनमें आपसी एकता और राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ। नेपोलियन के नेतृत्व में इटली के विभिन्न भागों से एकत्र सेना में परस्पर प्रेम एवं सहानुभूति की भावना जगी । इटली में नेपोलियन के संगठित शासन से प्रगति हुई। इटली विभिन्न राज्यों में बँटा एक राष्ट्र के रूप में महसूस किया गया। नेपोलियन ने जर्मनी के 300 से अधिक स्वतंत्र राज्यों के स्थान पर 39 राज्यों का संघ बनाकर जर्मनी की जनता में राष्ट्रवाद का भाव भरा। इस प्रकार नेपोलियन के कार्य यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में सहायक रहे ।
16. वियना कांग्रेस की दो उपलब्धियों बताइए ।
उत्तर- वियना काँग्रेस की दो उपलब्धियाँ इस प्रकार है— (i) आस्ट्रिया के वियना नगर में नेपोलियन को पराजित करनेवाले प्रमुख राष्ट्रों-ब्रिटेन, रूस, प्रशा और आस्ट्रिया के प्रतिनिधियों का सम्मेलन 1815 ई० में किया गया। इसे वियना काँग्रेस सम्मेलन कहा गया। (ii) वियना काँग्रेस सम्मेलन में नेपोलियन द्वारा पराजित राजवंशों की पुर्नस्थापना का प्रयास किया गया। फ्रांस और स्पेन में बुर्बी राजवंश का राज्य स्थापित हुआ ।
17. यूरोपीय इतिहास में ‘पेटो’ का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – यह शब्द मध्य यूरोपीय देशों में यहूदी बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता था। आज की भाषा में यह एक धर्म, प्रजाति या समान पहचान वाले लोगों को दर्शाती है। घेटोकरण मिश्रित व्यवस्था के स्थान पर एक सामुदायिक व्यवस्था थी; जो सामुदायिक दंगों को देशी रूप देते थे ।
18. राष्ट्रवाद क्या है ?
उत्तर- राष्ट्रवाद किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहनेवाले लोगों के बीच व्याप्त एक भावना है जो उनमें परस्पर प्रेम और एकता को स्थापित करती है। यह भावना आधुनिक विश्व में राजनीतिक पुनर्जागरण का परिणाम है ।
19. मेटरनिख युग क्या है ?
उत्तर – आस्ट्रिया के चांसलर के रूप में मेटरनिख ने 1815 ई० से 1848 ई० तक शासन किया। शासनकाल के दौरान उसने यूरोप की राजनीति में इतनी प्रमुख भूमिका निभाई कि इस कालावधि को “मेटरनिख युग” कहा जाता है ।
20. फसि की जुलाई 1830 की क्रांति का फ्रांस की शासन व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर- (i) चार्ल्स दशम के प्रतिक्रियावादी शासक का अंत हो गया ।
(ii) बूब वंश के स्थान पर आर्लेयंस वंश को सत्ता सौंपी गई ।
(iii) इस वंश के शासक ने उदारवादियों तथा पत्रकारों के समर्थन से सत्ता हासिल की । अतः उन्हें इन्हें तरजीह दी ।
21. इटली, जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी ? 12 C, 13 A, 15 C, 20A
उत्तर – इटली तथा जर्मनी के एकीकरण में आस्ट्रिया सबसे बड़ी बाधा थी। एकीकरण के पीछे मूलतः राष्ट्रवादी भावना थी और आस्ट्रिया का चांसलर ‘मेटरनिख’ घोर प्रतिक्रियावादी था। उसने इटली तथा जर्मनी में एकीकरण हेतु होने वाले सभी आन्दोलनों अथवा प्रयासों को दबाया। मेटरनिख की दमनकारी नीति के प्रतिक्रिया स्वरूप इटली तथा जर्मनी की जनता में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ती गई । आस्ट्रिया में मेटरनिख के पतन के बाद इटली तथा जर्मनी के लोगों ने एकीकरण के मार्ग का सबसे बड़ी बाधा समाप्त हुआ देख पुनः भारी उत्साह के साथ एकीकरण का प्रयास किया और अंततः सफलता पायी।
22. विलियम-1 के बगैर जर्मनी का एकीकरण विस्मार्क के लिए असंभव था । कैसे ?
उत्तर – विलियम प्रथम का यह दृढ़ विश्वास था कि प्रशा के सुदृढ़ राजतंत्र के नेतृत्व में ही जर्मनी का एकीकरण संभव है। विलियम – I राष्ट्रवादी विचारधारा का था। उसके द्वारा जर्मनी में औद्योगिक क्रान्ति में तेजी लाने एवं आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के फलस्वरूप जर्मन राज्य एकता के सूत्र में बँधते गये। जर्मनी के एकीकरण के मार्ग में बाधक बन आस्ट्रिया से मुकाबला हेतु सुदृढ़ सैन्य शक्ति की आवश्यकता थी, जिसके लिए विलियम – I हमेशा तत्पर रहा। विलियम प्रथम ने एकीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर अपने प्रशासन हेतु योग्य व्यक्तियों का चयन किया था। इसी क्रम में उसने महान् कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया।
विलियम प्रथम ही वह व्यक्ति था जिसने बिस्मार्क को जर्मनी के एकीकरण जैसा महत्वपूर्ण कार्य करने का अवसर प्रदान किया तथा हर कदम पर उसे समर्थन भी दिया। अन्यथा बिस्मार्क के लिए यह उपलब्धि हासिल कर पाना असंभव था ।
23. 1848 ई के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे ? [2019 (C), 2020 (A) (S.S.), 2022 (A) (S.S.)]
अथवा, 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य तीन कारणों का उल्ल करें ।
उत्तर- फ्रांस में जुलाई, 1830 ई० की क्रांति के पश्चात् आलेयस वंश के लुई फिलिप ने उदारवादियों, पत्रकारों तथा पेरिस की जनता के समर्थन से सत्ता प्राप्त की। राजा बनने के बाद लुई फिलिप ने मताधिकार को मध्यम वर्ग तक तो पहुँचा दिया किन्तु साधारण जनता को कोई लाभ नहीं मिला।
लुई फिलिप समाज के विभिन्न वर्ग- समाजवादियों, गणतंत्रवादियों, निरंकुशवादियों आदि सभी को संतुष्ट करने की कोशिश में किसी को भी संतुष्ट नहीं कर सका। यद्यपि लुई फिलिप की नीतियाँ उदारवाद की ओर अग्रसर थीं, किन्तु वह स्वयं ऐसा नहीं था । उसने समाजवादियों के खिलाफ पूँजीपतियों का पक्ष लिया। गणतंत्रवाद के प्रति उसकी प्रतिक्रियावादी नीति तथा दमनात्मक कार्यों ने 1848 ई० की क्रांति को जन्म दिया।
Hi sir thanks
Sir aur vishay ka dalie please.🙏🙏🙏
Very helpful sir
Jg